चिकित्सा, लेखन एवं सामाजिक कार्यों मे महत्वपूर्ण योगदान हेतु पत्रकारिता रत्न सम्मान

अयोध्या प्रेस क्लब अध्यक्ष महेंद्र त्रिपाठी,मणिरामदास छावनी के महंत कमल नयन दास ,अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी,डॉ उपेंद्रमणि त्रिपाठी (बांये से)

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Monday, 22 April 2024

अपेक्षा उपेक्षा और सापेक्ष निरपेक्षता

अपेक्षा और उपेक्षा दोनों अपने वर्णक्रम का पालन करती है, किन्तु निरपेक्षता में व्यंजना है।अपेक्षा समय परिस्थिति के सापेक्ष व्यक्त होती है, उपेक्षा मौन।
निरपेक्ष दोनों ही स्वरों की एकात्म व्यंजना.... यही प्रकृति का व्याकरण है।
सामान्य मनुष्य स्वयं को कितना भी श्रेष्ठ व ज्ञानी  समझता रहे किन्तु प्रकृति के व्याकरण को नहीं बदल सकता।
मूल को जाने बिना वह अपनी बुद्धि विवेक से तर्क अर्थ लगाता रहता है, किन्तु प्रकृति का भावार्थ  अब तक मनुष्य के लिए अपेक्षित विषय है।

डॉ उपेन्द्र मणि त्रिपाठी 
होम्योपैथ
अयोध्या