चिकित्सा, लेखन एवं सामाजिक कार्यों मे महत्वपूर्ण योगदान हेतु पत्रकारिता रत्न सम्मान

अयोध्या प्रेस क्लब अध्यक्ष महेंद्र त्रिपाठी,मणिरामदास छावनी के महंत कमल नयन दास ,अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी,डॉ उपेंद्रमणि त्रिपाठी (बांये से)

This is default featured slide 4 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.

This is default featured slide 5 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.

Tuesday, 18 February 2025

उत्कर्ष की जड़ों से जुड़े रहिए



 जीवन मे पद प्रतिष्ठा अधिकार मान सम्मान मिलने पर ज्ञानी मनुष्य भी यह भ्रम पाल लेते हैं कि आज जो मिला है वैभव का वह उत्कर्ष सम्पूर्ण जीवन उनके आधिपत्य में रहेगा ऐसा मानने वाले जीवन का भोग करते हुए बिताते हैं, और दूसरे जो यह सोचते हैं कि अवसर मिला है जीवन और पीढ़ियों के लिए संचय कर लें वह मिले सभी अधिकार व शक्ति को  स्वहित साधन के दुरुपयोग में लगा देते हैं। जब कि वह भी जानते हैं कि समय निरन्तर परिवर्तनशील है ,और इसका प्रत्यक्ष उदाहरण प्रतिदिन सूर्य का उदय और अस्त होने के साथ दिन और  रात का घटित होते रहना है, किन्तु हम मनुष्य हैं न वाहन में बैठे हुए यात्री की तरह जड़ता को पकड़ बैठते हैं जबकि गतिशील समय जीवन की यात्रा पूरी होते ही किसी स्टॉप पर हमें उतार देगा... इसलिए 
वर्तमान में आगे बढ़ें किंतु अपने अतीत को ना भूले, किसी के मान सम्मान प्रतिष्ठा के साथ ख़िलवाड न करे, किसी को मन वचन कर्म से पीड़ित न करें, किसी का हनन न करें..जिस भी ईष्ट की आराधना उपासना करते हैं वह मूर्त नही दिव्य है उसकी दृष्टि में हम आवरण नही डाल सकते, उसके आदर्श व मर्यादा को आचरण व्यवहार में सम्मिलित कर सकें तो यह हमारी अपने ईष्ट के प्रति सच्ची आराधना होगी।  हम जितना सरल सहज और सहयोगी होंगे हमारा जीवन तदनुरूप सफल या सार्थक होगा। 
...... वही मनुष्य है जो मनुष्य के लिए मरे।

डॉ उपेन्द्र मणि त्रिपाठी
होम्योपैथी फ़ॉर आल