आकर्षक काया किसकी चाहत नही होती किन्तु कुछ लोगों पर यही तन्दुरुस्ती भार (बोझ) बन जाती है, सामान्यतः बढ़ी चर्बी से हम मोटापे की तस्दीक करते हैं। और उससे निजात पाने के लिए लोग डायटिंग या अन्य तरह के तरीके अपनाते हैं।
मोटापे से सम्बंधित जानकारियों को प्राप्त करने में आमजन के कुछ मूलभूत किन्तु महत्वपूर्ण प्रश्न होते हैं , यह आलेख उन्ही प्रश्नों का सरलतम समाधान देने का प्रयास है। वस्तुतः सर्वप्रथम स्वाभाविक प्रश्न है कि मोटापा क्या है ?
मोटापा एक ऐसी चिकित्सकीय स्थिति है जिसमें शरीर में अतिरिक्त वसा की मात्रा इतनी सीमा तक जमा हो जाती है कि उसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
कैसे जानें कि हम मोटे हैं या नहीं ?
यूँ तो हम किसी व्यक्ति को देखकर ही उसके मोटे होने का अंदाज लगा लेते हैं , किन्तु इसका एक सरल तरीका भी बताया गया है कि सीधे लेट कर अपने पैर के अंगूठो को देखने का प्रयास करें, यदि आप सरलता से उन्हें देख पाते हैं तो ठीक अन्यथा आपको सावधान होना चाहिए।
चिकित्सकीय परीक्षणों में यह 25 से अधिक शरीर-द्रव्यमान सूचकांक (Body-Mass Index) के पैमाने से मापा जाता है।
शरीर द्रव्यमान सूचकांक (बीएमआई), व्यक्ति की ऊंचाई (मीटर)के वर्ग के द्वारा किसी व्यक्ति के वजन को विभाजित करके प्राप्त माप होती है।
वजन बढ़ने के क्या कारण हो सकते हैं ?
प्रमुख रूप से वाह्य कारण के रूप में अनियंत्रित खानपान व जीवनशैली एवं आंतरिक कारण के रूप में अंतःस्रावी ग्रन्थियो की असामान्य क्रियाशीलता, जैसे एड्रिनल की अतिकार्यता, या अंडकोष, अंडाशय या थायरायड की अल्पकार्यता, में ही सभी कारण समहित हो सकते हैं फिर भी आनुवंशिक,अपर्याप्त निष्कासन, मानसिक तनाव मोटापा बढ़ने के महत्वपूर्ण कारण है।
आज के भौतिकवादी एवं सुविधाभोगी युग में हम घण्टों कम्प्यूटर आदि पर बैठकर कार्य करते है, समय पर भोजन, या नींद तक नहीं लेते। घर के सात्विक आहार की जगह बाजार के तामसिक आहार या जंक फूड ने ले ली है। यह सब मोटापे की प्रवृत्ति को बढ़ाने वाले है।
वर्तमान में यह जनस्वास्थ्य की तमाम गम्भीर बीमारियों के प्रमुख कारण के रूप में सामने आने लगा है और भारत मे 15 से 20% आबादी इसकी चपेट में है। इसीलिए विज्ञान ने इसे भी बीमारी की श्रेणी में स्वीकार कर लिया है।
कैसे बढ़ता है मोटापा ?
मोटापे के उपरोक्त बताए गए कारणों के अनुरूप मोटापा या वजन बढ़ने की क्रिया को समझा जा सकता है।
पैंक्रियास में अधिक इंसुलिन का उत्पादन कार्बोहाइड्रेट को वसा (चर्बी) में बदल देता है, इससे दिमाग को आवश्यकता से कम ग्लूकोज मिलता है, किन्तु इसके कारण मनोभावों में अचानक परिवर्तन, निरन्तर थकान व अत्यधिक भूख मोटापा बढ़ने का कारण हो सकता है। इसी प्रकार अत्यधिक खाने की जिद भी एक तरह के जन्मजात रोग के कारण होता है जिसे प्रेडर विली सिंड्रोम कहते हैं।
इसीप्रकार महिलाओं में यौवनारम्भ के समय इस्ट्रोजन स्राव में वृद्धि अथवा गर्भनिरोधक गोलियों के प्रयोग, गर्भावस्था, धूम्रपान, लसिका वाहिनियों व यकृत की अपर्याप्त क्रिया के कारण शरीर का ऊपरी भाग तो सामान्य बना रहता है किन्तु नितम्ब व जांघे मोटी हो जाती हैं।
मोटापा के नकारात्मक प्रभाव क्या हैं?
मोटापा शरीर में कई प्रणालियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इस कारण जो गंभीर स्थितियां विकसित हो सकती हैं उनमें हृदय रोग , द्वितीय प्रकार का मधुमेह, प्रतिरोधी स्लीप एपनिया, कुछ प्रकार के कैंसर, ऑस्टियोआर्थराइटिस और अवसाद प्रमुख हैं।
मोटापे के पहचान के लक्षण क्या हैं?
मोटापा शारीरिक और मानसिक स्तर पर जीवन में कई सारे परिवर्तन लाता है। जिनके कारण व्यक्ति में इसके लक्षण परिलक्षित होते हैं।
मोटे व्यक्तियों में सांस फूलना, अचानक और बार-बार पसीना आना, नींद में खर्राटे, शारीरिक गतिविधि के साथ सामंजस्य करने में अचानक असमर्थता का अनुभव करना, प्रतिदिन बहुत थकान महसूस करना, पीठ और जोड़ों में दर्द , शारीरिक समस्याओं के कारण किसी भी काम को करने की क्षमता में कमी जिससे कमजोर आत्म विश्वास आत्मसम्मान में भी कमी के लक्षण देखने को मिलते हैं। ऐसा व्यक्ति अकेलापन भी महसूस करता है।
क्या डायटिंग मोटापे का उचित उपचार का तरीका है ?
अत्यधिक डायटिंग मोटापे से निजात दिलाने की बजाय एनोरेक्सिया नर्वोसा व बुलिमिया जैसे रोग उत्पन्न कर सकती है।
मोटापे को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं?
इसका एक ही सरल सूत्र है आहार, विहार, और व्यवहार का संतुलन।
मोटापे को रोकना जरूरी है क्योकि जब एक बार वसा कोशिकाएं बन जाती हैं, वे आपके शरीर में हमेशा के लिए रहते हैं। हालांकि आप वसा कोशिकाओं के आकार को कम कर सकते हैं, आप उनसे छुटकारा नहीं पा सकते हैं।
इसलिए तेजी से वजन घटाने के स्वास्थ्य के विपरीत प्रभावों से बचते हुए धीमी और स्थिर गति से वजन घटाने का लक्ष्य (प्रति सप्ताह 1 से 2 पाउंड) निर्धारित करें।कैलोरी संतुलन से स्वस्थ भोजन करें, शारीरिक रूप से सक्रिय होने के लिए श्रम, योग, व व्यायाम अपनी दिनचर्या में शामिल करे।
इन खाद्य और पेय पदार्थों का सीमित उपयोग करें या बचें-
शुगर-मिठाई वाले पेय (सोडा, फल पेय, स्पोर्ट्स ड्रिंक) फलों का रस (प्रति दिन न्यूनतम मात्रा से अधिक नहीं) परिशोधित अनाज (सफेद रोटी, सफेद चावल, सफेद पास्ता) और मिठाई। आलू (बेक्ड या तला हुआ) लाल मांस (बीफ़ , पोर्क, मेमने) और संसाधित मीट ।
बचाव या उपचार के लिए क्या करें उपाय ?
मोटापे के उपचार के लिए आवश्यक है कि उसका सही कारण ज्ञात हो।इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर ही औषधि का प्रयोग किया जाना चाहिए। साथ भी कम वसा /कैलोरी का भोजन, गहरे हरे रंग की सब्जियां व फल, त्वचारहित मांस, सूखे मटर, दाल का सेवन करें।
बाजार के जंक फूड की जगह घर के बने शुद्ध सात्विक शाकाहार को प्राथमिकता दें।
प्रतिदिन कम से कम एक मील पैदल चले, ।
भोजन के साथ हल्का गुनगुना पानी लें, और भोजन के आधे घण्टे बाद पानी पिएं।
प्रातः गुनगुने पानी के साथ शहद लेना भी लाभदायक है।
निराहार या अधिक डायटिंग से बचें, यह हानिकारक हो सकती है।
अनावश्यक मानसिक तनाव न लें, समय पर पर्याप्त नींद लें, ।
क्या होम्योपैथी में उपचार संभव है?
होम्योपैथिक चिकित्सा मोटापा एवं उसके विभिन्न पहलुओं का उपचार करता है। होम्योपैथी में भी वजन कम करने के लिए दवाओं के अलावा डाइट कंट्रोल और एक्सरसाइज पर पूरा जोर दिया जाता है। इन दवाओं से पाचन क्रिया सुदृढ़ होती है, चयापचय की क्रिया अच्छी होती है जिसकी वजह से मोटापा कम होता है। यह सभी उम्र के लोगों के लिए कारगर एवं उपयुक्त है और आमतौर पर इनका शरीर पर कुप्रभाव नहीं होता।
वजन घटाने से पूर्व एक महत्वपूर्ण बात पर विचार अवश्य कर लेना चाहिए कि आप कितने मोटे हैं तथा आपको कितना वजन घटाने की जरूरत है। होम्योपैथी में वैसे तो मोटापे के लिये सैकड़ों दवाएँ है किन्तु उपयुक्त दवा का चुनाव योग्य चिकित्सक ही मरीज को देखकर कर सकता है, इसलिए कभी भी दवा का प्रयोग स्वयं की जानकारी या किसी के बताए नुस्ख़े की बजाय चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही करना चाहिए। होम्योपैथिक औषधियां फाइटोलक्का बेरी, फ़्यूकस, ग्रेफाइटिस, कैलोट्रोपिस, एंटीमोनियम क्रूडम, अर्जेन्टम नाइट्रीकम, कैल्केरिया कार्बोनिका, कॉफिया क्रूडा, कैप्सिकम, आदि वजन घटाने के लिए प्रभावी उपाय हैं।
डॉ उपेन्द्र मणि त्रिपाठी
द प्रतिष्ठा होम्योपैथी
चिकित्सा प्रमुख- सेवा भारती अयोध्या महानगर
कृष्ण विहार कालोनी फैज़ाबाद
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